चुनावी अखाड़े के रंग भिकियासैंण नगर पंचायत भिकियासैंण के चुनाव बहुत ही शालीनता लेकिन
नगर पंचायत भिकियासैंण डिजिटल माध्यमों से फिल्मी और लोकगीतों के सुरीले तरानों द्वारा हो रहे हैं। ये अच्छी बात है कि अभी तक यहां किसी के प्रचार-प्रसार में कटुता, आपसी मतभेद सामने नहीं आए।
ऐसे ही प्रचार में जिसके पास जैसी आर्थिक स्थिति है वह उसका सदुपयोग कर रहा है, अपना अपना शौक और अपनी अपनी आवश्यकता के अनुसार साउंड स्टूडियो से बढ़िया गाने मिक्स विचारों को सुरीली आवाजों और नारों के साथ साउंड सिस्टम स्पीकर एंप्लीफायर से प्रचारित कर रहा है तो ऐसे में कमजोर आर्थिक स्थिति वाले रतन भाई ने भी अपना प्रचार अपने व्यवसाय के साथ साथ करने का तरीका बना ही लिया है। जो बरबस ध्यान आकर्षित कर ले रहा है।
रतन भाई ठेले पर मूंगफली बेचते हैं जो रोज कमाओ रोज खाओ वाली बात है तो मूंगफली बेचना छोड़ चुनाव प्रचार में तो लग नहीं सकते, जिसने ओखली में सर डलवा दिया (चुनाव लड़ने को तैयार करा) वो किनारे हो गए तो क्या करे ! कहते हैं पीछे नहीं हटूंगा दौड़ पूरी करूंगा।
लगे रहो रत्तन भाई।